बिनाका गीतमाला रेडियो पर भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था | 1950 और 1960 के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| उन दिनों मनोरंजन का फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था | लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था|
बिनाका गीतमाला का पहला कार्यक्रम सन् 1952 के अंतिम सप्ताह में प्रसारित हुआ था| महल, नागिन, उड़न खटोला जैसे फिल्मों, जिनकी आत्माओं में केवल मधुर संगीत बसता था, का जमाना था वो| मधुर गीतों के साथ उद्घोषक अमीन सयानी के विशेष अंदाज ने श्रोताओं को मोह लिया और अपने पहले ही प्रसारण से बिनाका गीतमाला रेडियो का सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया | सन् 1952-53 तक केवल 7 गाने प्रसारित किये जाते थे इस कार्यक्रम में और गीतों को लोकप्रियता का दर्जा भी नहीं दिया जाता था| सन् 1954 से बिनाका गीतमाला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम बन गया और गानों को रेटिंग दिया जाने लगा| उस सन् के पहले कार्यक्रम में तलत महमूद का गाया गीत ‘जायें तो जायें कहाँ…..’ शीर्ष गीत (topper) था|
बिनाका गीतमाला के नाम को दो बार बदला गया, पहले सिबाका गीतमाला और बाद में कोलगेट गीतमाला के रूप में| बाद में सिबाका गीतमाला का प्रसारण विविध भारती से भी किया जाने लगा |
आज की पीढ़ी सोच भी नहीं सकती कि बिनाका गीतमाला ने कैसी धूम मचाई थी .
बिनाका गीतमाला के अनुसार वर्षवार सर्वाधिक लोकप्रिय गीतों की सूचीः
बिनाका गीतमाला का पहला कार्यक्रम सन् 1952 के अंतिम सप्ताह में प्रसारित हुआ था| महल, नागिन, उड़न खटोला जैसे फिल्मों, जिनकी आत्माओं में केवल मधुर संगीत बसता था, का जमाना था वो| मधुर गीतों के साथ उद्घोषक अमीन सयानी के विशेष अंदाज ने श्रोताओं को मोह लिया और अपने पहले ही प्रसारण से बिनाका गीतमाला रेडियो का सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया | सन् 1952-53 तक केवल 7 गाने प्रसारित किये जाते थे इस कार्यक्रम में और गीतों को लोकप्रियता का दर्जा भी नहीं दिया जाता था| सन् 1954 से बिनाका गीतमाला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम बन गया और गानों को रेटिंग दिया जाने लगा| उस सन् के पहले कार्यक्रम में तलत महमूद का गाया गीत ‘जायें तो जायें कहाँ…..’ शीर्ष गीत (topper) था|
बिनाका गीतमाला के नाम को दो बार बदला गया, पहले सिबाका गीतमाला और बाद में कोलगेट गीतमाला के रूप में| बाद में सिबाका गीतमाला का प्रसारण विविध भारती से भी किया जाने लगा |
आज की पीढ़ी सोच भी नहीं सकती कि बिनाका गीतमाला ने कैसी धूम मचाई थी .
बिनाका गीतमाला के अनुसार वर्षवार सर्वाधिक लोकप्रिय गीतों की सूचीः
वर्ष | गीत | फिल्म | संगीतकार | गीतकार | गायक/गायिका |
1953 | ये जिन्दगी उसी की है | अनारकली | सी रामचंद | राजेन्द कृष्ण | लता मंगेशकर |
1954 | जायें तो जायें कहाँ | टैक्सी ड्राइव्हर | सचिनदेव बर्मन | साहिर लुधियानवी | तलत महमूद/लता मंगेशकर |
1955 | मेरा जूता है जापानी | श्री 420 | शंकर जयकिशन | शैलेन्द्र | मुकेश |
1956 | ऐ दिल है मुश्किल जीना यहाँ | सीआईडी | ओ पी नैयर | मजरूह सुल्तानपुरी | मोहम्मद रफी, गीतादत्त |
1957 | जरा सामने तो आओ छलिये | जनम जनम के फेरे | एस एन त्रिपाठी | भरत व्यास | मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर |
1958 | है अपना दिल तो आवारा | सोलहवाँ साल | सचिनदेव बर्मन | मजरूह सुल्तानपुरी | हेमन्त कुमार |
1959 | हाल कैसा है जनाब का | चलती का नाम गाड़ी | सचिनदेव बर्मन | मजरूह सुल्तानपुरी | हेमन्त कुमार, आशा भोसले |
1960 | जिंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात | बरसात की रात | रोशन | साहिर लुधियानवी | मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर |
1961 | तेरी प्यारी प्यारी सूरत को | ससुराल | शंकर जयकिशन | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफी |
1962 | एहसान तेरा होगा मुझपर | जंगली | शंकर जयकिशन | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफी/लता मंगेषकर |
1963 | जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा | ताजमहल | रोशन | साहिर लुधियानवी | मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर |
1964 | मेरे मन की गंगा | संगम | शंकर जयकिशन | शैलेन्द्र | मुकेश, वैजयन्तीमाला |
1965 | जिस दिल में बसा था प्यार तेरा | सहेली | कल्याणजी आनन्दजी | इन्दीवर | मुकेश/लता मंगेषकर |
1966 | बहारों फूल बरसाओ | सूरज | शंकर जयकिशन | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफी |
1967 | सावन का महीना पवन करे सोर | मिलन | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | आनन्द बख्शी | मुकेश, लता मंगेशकर |
1968 | दिल विल प्यार व्यार | शागिर्द | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | आनन्द बख्शी | लता मंगेषकर |
1969 | कैसे रहूँ चुप | इन्तेकाम | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | राजेन्द्र कृष्ण | लता मंगेशकर |
1970 | बिंदिया चमकेगी | दो रास्ते | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | आनन्द बख्शी | लता मंगेशकर |
1971 | जिंदगी एक सफर है सुहाना | अंदाज | शंकर जयकिशन | हसरत जयपुरी | किशोर कुमार/आशा भोसले |
1972 | दम मारो दम | हरे रामा हरे कृष्णा | राहुलदेव बर्मन | आनन्द बख्शी आशा भोसले | |
1973 | यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी | जंजीर | कल्याणजी आनन्दजी | गुलशन बावरा | मन्ना डे |
1974 | मेरा जीवन कोरा कागज कोरा ही रह गया | कोरा कागज | कल्याणजी आनन्दजी | एम जी हश्मत | किशोर कुमार |
1975 | बाकी कुछ बचा तो मँहगाई मार गई | रोटी कपड़ा और मकान | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | वर्मा मलिक | लता मंगेशकर, मुकेश, जानीबाबू, नरेन्द्र |
1976 | कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है | कभी कभी | खैयाम | साहिर लुधियानवी | मुकेश |
1977 | हुस्न हाजिर है मुहब्बत की सजा पाने को | लैला मजनूँ | मदन मोहन | साहिर लुधियानवी | लता मंगेशकर |
1978 | अँखियों के झरोखे से मैंने देखा जो | अँखियों के झरोखे से | रवीन्द्र जैन | रवीन्द्र जैन | हेमलता |
1979 | खइके पान बनारस वाला | डॉन | कल्याणजी आनन्द जी | अंजान | किशोर कुमार |
1980 | डफली वाले डफली बजा | सरगम | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | आनन्द बख्शी | लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी |
1981 | मेरे अँगने में तुम्हारा क्या काम है | लावारिस | कल्याणजी आनन्दजी | अंजान | अमिताभ बच्चन, अलका याग्निक |
1982 | अंग्रेजी में कहते हैं | खुद्दार | राजेश रोशन | मजरूह सुल्तानपुरी | किशोर कुमार, लता मंगेशकर |
1983 | शायद मेरी शादी का खयाल | सौतन | उषा खन्ना | सावन कुमार | किशोर कुमार, लता मंगेशकर |
1984 | तू मेरा हीरो है | हीरो | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | आनन्द बख्शी | अनुराधा पौढ़वाल, मनहर उधास |
1985 | सुन सायबा सुन | राम तेरी गंगा मैली | रवीन्द्र जैन | रवीन्द्र जैन | लता मंगेशकर |
1986 | यशोदा का नन्दलाला | संजोग | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | अंजान | लता मंगेशकर |
1987 | चिट्ठी आई है नाम | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | आनन्द बख्शी | पंकज उधास | |
1988 | पापा कहते हैं | कयामत से कयामत तक | आनन्द मिलिन्द | मजरूह सुल्तानपुरी | अलका याग्निक, उदित नारायण |
1989 | माय नेम इज लखन | राम लखन | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | आनन्द बख्शी | मोहम्मद अज़ीज़ |
1990 | गोरी है कलाइयाँ | आज का अर्जुन | भप्पी लहरी | अंजान | लता मंगेशकर, शब्बीर कुमार |
1991 | देखा है पहली बार | साजन | नदीम-श्रवण | समीर | अलका याग्निक, एस पी बालसुब्रमनियम |
1992 | मैने प्यार तुम्हीं से किया है | फूल और काँटे | नदीम-श्रवण | समीर | कुमार सानू, अनुराधा पौढ़वाल |
1993 | चोली के पीछे | खलनायाक | लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल | आनन्द बख्शी | अलका याग्निक, इला अरुण |
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