Thursday, May 31, 2012

भोपाल ने जड़े हैं सिनेमा में सितारे अनमोल

कई  महत्वपूर्ण फिल्में भोपाल में बनीं और उनके इतिहास के साथ भोपाल का भी इतिहास जुड़ा। नया दौर से लेकर चक्रव्यूह तक यह सिलसिला अनवरत जारी है। इसी के साथ यह बात बड़े महत्व के साथ जुड़ती है कि भोपाल शहर ने सिने-इतिहास में अनमोल सितारे भी जड़े हैं।

भोपाल से कितने ही कलाकार फिल्मों में गये। अहम नाम तो जया बच्चन का ही सामने आता है। जया जी की फिल्में अपार हैं, श्रेष्ठ निर्देशकों के साथ, जिनमें सत्यजित रे से लेकर यश चोपड़ा और हृषिकेश मुखर्जी तक शामिल हैं, काम किया है। उनमें आज भी वही गुड्डी विद्यमान है जो लगभग चार दशक पहले हृषिदा को दिखायी दी थी। जावेद अख्तर जैसे लेखक और शायर, वहीं कव्वाली में अकेली शकीला बानो भोपाली और हारर फिल्मों में लोकप्रिय नायक जावेद खान भी।

शरत सक्सेना जैसे खलनायक और राजीव वर्मा जैसे बहुआयामी चरित्र अभिनेता भोपाल की पहचान हैं। रूमी जाफरी भोपाल के लेखक हैं वहीं बुलन्द आवाज वाले रजा मुराद आज भी सक्रिय हैं। नये सन्दर्भों के साथ बात करें तो, भोपाल के ही पत्रकार और पटकथा लेखक संजय चैहान ने पान सिंह तोमर की उत्कृष्ट पटकथा लिखी वहीं इसी शहर में लम्बे समय सक्रिय रहे उदय प्रकाश की लिखी फिल्म महात्मा अनेक विशिष्ट फिल्म समारोहों में चर्चित हुई है। कुछ समय पहले ही अग्निपथ फिल्म में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाली कनिका तिवारी भी भोपाल से हैं।

भोपाल के शायरों ने तो सिनेमा में कमाल ही किया । जाँ निसार अख्तर, असद भोपाली, शेरी भोपाली, कैफ भोपाली, ताज भोपाली आदि कितने ही मशहूर और महान शायरों ने यादगार सिनेमा के लिए एक से बढ़कर एक गीत लिखे।  सृजनात्मक आयाम कहाँ किसी का रास्ता रोकते हैं, यही कारण है कि आज भी प्रतिभाएँ रुपहले परदे पर अपनी किस्मत आजमा रही हैं।

No comments: